- hashtagkalakar
Dilagi
By Prince Nayak
ना चाह तेरे इश्क की।
ना चाह अब तेरी है..
तू जा चुका तो चला जा
मुझे इंतजार थोड़ी है..
दिलगी और इश्क का फरक तुझे पता नहीं..
वफ़ा और जस्बात का इलम तुझे थोड़ी है।
जिस राह पे हम तुम राह-गुजर वो राह ना अब तेरी है..
तुझे जाना था तू चली गई, तुझे पूछना न जरूरी है..
और तुझे तोड़ना था तोड़ दिया...
ये जसबात तेरे थोड़ी है..
तेरा हाथ किसी के हाथ में..
तू थी किसी के साथ मैं..
वो रातें किसी और की...
वो शामें किसी और की..
और तू सोचती है कि मैं भूल जाऊं..
ये दिल्लगी थोड़ी है...
By Prince Nayak