top of page

Chhatrapati Shivaji Maharaj

By Varad Ashtikar


जब चारों दिशाओं में था अंधकार,

हर हर महादेव की गरजि हुंकार


ईश्वर समान बने लोगों के लिए आपके विचार,

हर लिए आपने भारत के कलेश और विकार


पुनः प्रज्वलित की आपने ज्ञान की ज्योति,

स्वप्न देखा जिसमे खिल रही है हमारी मातृभूमि


अड़चन बन रहे थे आक्रांता इस स्वप्न में,

क्षण में मिला दिया उनको आपने मिट्टी में


नेत्रों में अग्नि का वास, मन मे थी आस्था,

आपके नाम से हर क्रूर भयभीत होता था


जब जल रहा था भारत, लुट रहा था भारत

आपके ही कारण मिली उसको सबसे राहत


टूट रहे मंदिर, उजड रहे थे घर वीर भी मान रहे थे हार,

जमा कर सबको आप बने एक महावीर पालनहार





जब पहली बार लहराया आपने तोरणा किले पर भगवा,

अशांत होने लगें औरंगजेब, क़ुतुबशहा और अदिलशहा


ये भगवा फैलता गया तीव्र गति से,

देखते देखते हरे विचलित हुए इससे


किये प्रचंड षड्यंत्र और छल आपसे,

हुए परास्त तोह बंधी बनाया आपके पिता को धोखे से


न डगमगाए आप, रखा आपने धैर्य

अवसर मिलने पर दिखाया आपने शौर्य


बने गड किले आपकी शान,

किन्तु प्रजा में थी आपकी जान


लिए विचार आपने सनातन धर्म से,

प्रभावित हुए लोग आपसे


हुए लोग आपके लिए कटने को तैयार,

एक मराठा लाख मराठा देता था सैकडों को मार


आपने किया धर्मांतरण का सर्वनाश,

होगए मुग़ल और पोर्तुगीज हताश


जीते आप हर युद्ध युध्दनीति के अनुसार

वनों में राज करता था आपका छापामार


छहसौ मावलों संग संहारा चालीस हजार यवनों को उंबरखिंड के युद्ध में,

घमंडी अफ़ज़ल के लिए धारण किया नरसिंह अवतार प्रतापगड के युद्ध में


स्त्रियों को दिया आपने माँ-बहन समान स्थान,

कोई न करता था आपकी सेना में मद्यपान


उदय किया आपने सनातन अस्त होते सूर्य को,

बनाया आपने शक्तिशाली और प्रबल उसको


बनाकर स्वतंत्र नौसेना, जीता आपने समुद्र को

क्या वीर थे आप जिसके चूमती पैर ये धरा हो


बलिदान और साहस की हो आप मूर्ति

श्रीमंत महाराज छत्रपति श्री शिवजी



By Varad Ashtikar




Recent Posts

See All
  • Grey Twitter Icon
  • Grey LinkedIn Icon
  • Grey Facebook Icon

© 2024 by Hashtag Kalakar

bottom of page