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Bazzar
By Dharitri Bora
विवेक का बाजार लगा है
उच्च भाव में बिक रहा है आत्मसम्मान
जो नहीं लगा रहे हैं अपना दाम
इस बाजार की धक्का मुखी में वह कही दूर पहुंच गए हैं .
ये जो एक बहुत बड़ा बाजार लगा है
यहाँ सब कुछ खरीदा बेचा जा रहा है.
बहुत ही कम दाम में बिक रही हैं मौत ,
विलास ,सुख,जिंदगी के बदले बिक रहे हैं विवेक और आत्मसम्मान,
वह देखो मोल नहीं सच्चाई और अध्यवसाय की,
क्या किसी भी को नहीं है जरुरत ?
धन, भोग -विलास के पास भीड़ लगा है
दाम बढ़ रहे हैं झूठ ,धोकेबाज़ी का .
ये एक बहुत बड़ा बाजार है
यहाँ सब कुछ खरीदा बेचा जा रहा है .
हर कोई ब्यस्त है अपना अपना झोला भरने में.
इसी बाजार में ,
धरती मांग रही है मानवता की भीख
पर उनके पास हैं बस थोड़ी सी मानवता
किसी के पास समय नहीं है देने का ,
क्युकी यहाँ बाजार लगा हैं
इस बाजार में
हर कोई ब्यस्त है सिर्फ अपना अपना झोला भरने मे .
Assamese :
বজাৰ
বিবেকৰ বজাৰ বহিছে,
উচ্চ হাৰত বিক্ৰী হৈছে আত্মসন্মান,
দাম নলগোৱা সকলেহে ভোগ কৰিছে গ্লানি,
বজাৰৰ হেচা ঠেলাত গৈছে তেওঁলোক বহুদূৰ আঁতৰি ।
এইখনযে এখন বৃহৎ বজাৰ
ইয়াত সকলো হৈছে বেচা কিনা।
তেনেই তাকৰ দামত বিক্ৰী হৈছে মৃত্যু,
বিলাস,সুখ ,জীৱনৰ বিনিময়ত বিক্ৰী হৈছে বিবেক আৰু আত্মসন্মান,
সৌৱা দৰ নাই সততা আৰু অধ্যৱসায়ৰ,
কাকোৱে নালাগেনে ?
ধন ভোগ বিলাস কষ্টহীন জীৱনৰ ওচৰত ভীৰ লাগিছে,
মিছা , অসত্য,ঠগনৰো দৰ বাঢ়িছে ,
এইখনযে বৃহৎ বজাৰ
ইয়াত সকলো হৈছে বেচা কিনা ।
সকলো ব্যস্ত নিজৰ মোনা ভৰোৱাত ,
মানৱতাৰ ভিক্ষা মাগি ফুৰা ধৰণীলৈ যে কাৰোৰে যোৱা নাই চকু ,
ভিক্ষাৰ পাত্ৰত সামান্য মানৱতা
আহৰি নাই কাৰোৰে কিছু ভিক্ষা দিবলৈ,
ভ্ৰূক্ষেপ নাই কাৰোৰে ,
কাৰণ এইখনযে এখন বৃহৎ বজাৰ
আজি সকলো ব্যস্ত দৰ দাম কৰি নিজৰ মোনা ভৰোৱাত ।
By Dharitri Bora