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Batein
By Ishaan Arya
चुप करो , ना बोलो , दिल के ज़ख्म सबके आगे ना खोलो ..
रुको , ठहरो , मदद का हाथ क्यों फ़ैलाने चले हो ..
सब को दिल से ना देखो , लोगों को उनकी आदतों से तोलो …
कल शाम तुमने जो आप बीती सुनाई थी ..
बताते हुए तुम्हारी आंखें भर आई थी ..
तुम्हारे दिल के करीब थी शायद वो बातें ..
अपना समझ कर तुमने दास्तां बताई थी ..
आज देखा मैंने लोगों को हसकर बताते हुए ..
तुम्हारी उन बातों का मज़ाक बनाते हुए ..
भरोसे को मैंने हवा में उड़ते हुए देखा ..
तुम्हारे दर्द पर लोगों को हसते हुए देखा ..
राय जो मेरी आज एक मान लो तुम ,
भूलो सबको और खुद को अपना जान लो तुम ,
उड़ जाएंगी तकलीफें फुर्र करके तुम्हारी ,
जो हिम्मत को दिल के पन्नों पर लिखो तुम ,
आगे बढ़ो और दुनिया को पीछे छोड़ जाओ ..
ज़िन्दगी की राह पर खुश होक बढ़ो तुम ..
कद्र करो अपनी, ज़िन्दगी खुल के जियो तुम.....
By Ishaan Arya