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Bacchon Ka Sach : Dekha -Andekha

By Mamta Srivastava


सभी साथ में - जागो – जागो, बाहर आओ , खोलो घर के फाटक

खोलो आँखे और दिमाग भी ,.....................................

पहला व्यक्ति - क्यों? क्यों? क्यों भाई क्यों ?

दूसरा व्यक्ति - क्योंकि क्योंकि क्योंकि शुरू हो गया है नुक्कड़ नाटक

सभी साथ में -जागो – जागो, बाहर आओ, खोलो घर के फाटक

खोलो आँखे और दिमाग ,क्योंकि शुरू हो गया है नुक्कड़ नाटक – 2


सभी साथ में – (मुख्य पंक्ति) –

सोच लो समझ लो जान लो पहचान लो बात इनकी मान लो

शब्दों के पीछे है छिपी कहानी क्या ज़रा छान लो


आइये आइये आइये देखिये कैसे होता है व्यवहार

हम बच्चे दिखाएगे आपको आज बच्चों का संसार


दृश्य -1 – bullying (धमकाना या उत्पीड़न करना)

बच्चों का एक समूह खेलता हुआ – (पकड़म पकड़ाई )

एक मोटा बच्चा आता है – मुझे भी खेलना है I

ए मोटे तू नहीं खेल सकता, ये खेल हाथियों के लिए नहीं है I

हाँ हाँ ! सही कहा. तू घर बैठ और ममा के हाथों से खाना खा. प्यारा बच्चा, हाय रे मेरा गोलू – मोलू हा हा हा हा ( उसे धक्का देते है और वह बच्चा नीचे गिर जाता है ) I

बच्चा रोता है और.........

सूत्रधार (एक या अनेक)-क्या करेगा गोलू अब, क्या रोयेगा और चुप हो जायेगा ?

या इसके बदले उनको मज़ा चखायेगा ?

या मम्मी -पापा को बताएगा ?

क्या है इसका उपाय सोच पायेगा ?

(एक दूसरी आवाज़ -या या या डटकर साहस दिखाकर मुझे ये पसंद नहीं कह पायेगा ?)


सभी साथ में –

सोच लो समझ लो जान लो पहचान लो बात इनकी मान लो

शब्दों के पीछे है छिपी कहानी क्या ज़रा छान लो


दृश्य 2- बाल- तस्करी

बच्चे कूड़ा बीन रहे है, कुछ सड़क के किनारे भीख मांग रहे है , कुछ सामान बेंच रहे है –

एक बच्चा – अरे सुन यार 6 बज गए टाइम हो गया, तेरा कितना हुआ?

कूड़े वाला – आज तो कूड़ा बेचकर केवल 200 रुपया ही मिला I

दूसरा बच्चा -ओह चल देखते है, क्या होता है , तू परेशान न हो I

एक क्रूर दिखने वाला व्यक्ति – हाँ गए चिल्लरपार्टी, ला कितना कमाया रख यहाँ I

कूड़ेवाला बच्चा(डरते हुए) – आज 200 ही ......

आदमी – साले कुत्तों! (मारते हुए)तुम लोगो को इसलिए नहीं खरीदा कि तुम मुझे ये चवन्नियां लाकर दोगे I

(फोन की घंटी ..................)

दूसरा आदमी- हैलो ! क्या ?कितने बच्चे है? 70 ठीक है पैसे मिल जायेगे तुम्हे ,उन्हें यहाँ भेज दो I ये बहुत ज्यादा है , हमें उन्हें भीख मांगने और बाकी कामों के लिए ट्रेनिंग भी देनी होती है. हाथ – पैर भी तोड़ने होते है I बहुत काम करना पड़ता है इनके साथ I जितना पैसा देते थे उतना ही देंगे. कल भेज दो I

कोरस -

बच्चे मन के सच्चे – सारे जग की आँख के तारे..................... हमम !

उन आखों में सपने है कहाँ, अब मर-मर के जीते है बेचारे

ये हो सकते है इनके उनके या हमारे

जो बदल सकते है दुनिया वो ही इस दुनिया में आकर हारे


सभी साथ में –

सोच लो समझ लो जान लो पहचान लो

बात इनकी मान लो

शब्दों के पीछे है छिपी कहानी क्या ज़रा छान लो




दृश्य 3 – आखिर क्या हुआ ?

(एक 5 साल का बच्चा घुटनों में सर देकर रोता हुआ)

(मां का ऑफिस से लौटकर आना)

माँ- (बैग रखते हुए) मै तो आज बहुत थक गई.

बच्चा – (दौड़कर माँ से लिपटते हुए, रोकर गुस्से से) मां आज आप मुझे स्कूल से लेने क्यों नहीं आई? क्यों भेजा मामा को, मैं कभी नहीं जाऊंगा उनके घर (और जोर से रोते हुए)

मां- अच्छा बाबा सॉरी ! मै ही लेने आउंगी. चलो खाना खाते है

बच्चा – मै नहीं खाऊंगा. मुझे कुछ नहीं करना. (हाथो को बांध कर दूसरी ओर मुंह करके)

माँ- (सोचते हुए -पता नहीं क्या हो गया है इसे) अच्छा अच्छा रिलैक्स , अभी जाकर सो जाओ. गुड नाइट

अगली सुबह –

मां – अरे वाह मेरा बेटा स्कूल के लिए तैयार हो गया

बच्चा मुंह लटकाए हुए अपने में खोया हुआ स्कूल चला जाता है

स्कूल में- बच्चों आज हम सुरक्षित स्पर्श और असुरक्षित स्पर्श (safe touch and unsafe Touch) के बारे में जानेगे.

शरीर के ये-ये (अंगों की ओर संकेत करते हुए) माँ और पापा के आलावा और कोई नहीं देख सकता और न ही छू नहीं सकता है . अगर कोई ऐसा करता है तो इसमें आपकी गलती नहीं है बल्कि वो व्यक्ति गलत है जो ऐसा करता है. इसके लिए उसे सज़ा भी हो सकती है. यदि ऐसा कभी आपके साथ हो तो अपनी माँ या पापा को बताए या 1098 पर कॉल करके मदद मांगे.

(बच्चा बीच में खड़ा होकर सोच में डूब जाता है. सभी कोरस चारो तरफ गाते है.)

क्या हुआ बच्चे के साथ ?

क्यों है वो इतना उदास ?

क्या हुआ मामा के घर पर ?

क्या किसी ने की हद गुज़र ?

बच्चा माँ से – (घर लौटकर) ममा ममा . मामा गंदे है उन्होंने मुझे कपडे उतारने को कहा और फिर...और फिर..ऊऊऊउ और फिर ...............ममा कॉल 1098 ऊऊऊउ .................

(माँ आश्चर्य , घबराहट और डर गुस्से के साथ बच्चे को सीने से लगाते हुए)

अपने है , क्या वो अपने है ?

अपनी हद नहीं जो जानते

कर देते है बर्बाद मासूमियत

मनुष्यता की सब सीमा लांघते

छि: छि : न कहो मनुष्य इन्हें

जीते जी बच्चो को है मार डालते

दोषी है- समाज,देश, दुनिया के

आस्तीन में है हम सांप पालते

सभी साथ में –

सोच लो समझ लो जान लो पहचान लो

बात इनकी मान लो

शब्दों के पीछे है छिपी कहानी क्या ज़रा छान लो

एक व्यक्ति –

तो करे क्या बच्चे, संवेदना बस मार खाए

उत्पीड़न, बच्चो के बाज़ार , यौन -शोषण से हार जाये

क्या कोई नहीं है चारा

कहाँ जाये बच्चा बेचारा , बच्चा बेचारा, बच्चा बेचारा

दूसरा व्यक्ति – (अपने पीठ और सीने पर 1098 का पोस्टर लगाये हुए, रक्षात्मक रूप से बोलते हुए ) : मै यहाँ हूँ ! मै यहाँ हूँ !

बच्चे : कौन हो तुम? कौन हो तुम ?

व्यक्ति : मैं हूँ शक्तिशाली 1098 नंबर

डायल करो जब मुसीबत हो ऊपर

कोई न सुने तुम्हारी जब

डर कर बीते दिन-दिन जब

क्या करे , किससे कहे कहाँ जाये ?

क्या होगा अगर किसी को ये बताये ?

क्या हुआ मेरे साथ है,

डरो मत

साथ में 1098 का हाथ है .

बच्चे हो तुम बेचारे नहीं

बुराई से कभी भी हारे नहीं

कमज़ोर समझो न खुद को तुम

साहस करो, न रहो गुमसुम

सरकार ने अधिकार दिए तुमको

इसीलिए भेजा है मुझको

1098 1098 1098

Dial 1098 मत करो इन्तजार , करो तुम खुद से प्यार

सभी साथ में –

सोच लो समझ लो जान लो पहचान लो

बात इनकी मान लो

शब्दों के पीछे है छिपी कहानी क्या ज़रा छान लो


By Mamta Srivastava



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