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Apeksha
By Sanchita
उनकी राहों के कांटे बिनते हुए,
जो जख्म तुम्हें होंगे
वह तुम्हारे होंगे।
तुम उनका जहां राशन कर दो,
लेकिन हाथ में जो छाले होंगे
वह तुम्हारे होंगे।
ना मरहम होगा, ना ही मर्म
तुम हथेली पर अपने जान लेकर घूमो,
दिल तुम्हारा टूटेगा,
दर्द भी बेशक, तुम्हारे होंगे।
दुनिया तो मेला है,
और उस मेले में, नचाने वाले ढेरों होंगे।
जब तुम्हारे अपने ही तुम्हारे ना होंगे
जख्म बड़े करारे होंगे, वो जख्म बड़े करारे होंगे!
By Sanchita