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Aaj Nahi Abhi Nahi
By Dharmendra Bharti
बड़ी बुलंद आवाज़ है, ना जाने कैसी ये गाज़ है।
शोर है ,आदमखोर है। थकान है ,दिल पर जोर है।
रुकना है क्या? आज नहीं,अभी नहीं।
तबाही है, हर जगह ही है। उफान है ,तूफ़ान है।
कश्ती है , बवंडर है। उम्मीद का समंदर है।
हारना है क्या? आज नहीं,अभी नहीं।
माशूक है, मोहब्बत है। इश्क़ है, हसरत है।
सवाल है, बेहिसाब है। ताकत है,ख्वाब है।
मरना है क्या? आज नहीं, अभी नहीं।
ज़हर है,जिंदगी कहर है। खुदा है, ये तेरा शहर है।
सीलन है, जलन है। चाक है ,ये मेरा ज़हन है।
टूटना है क्या? आज नहीं,अभी नहीं।
सरफरोशी है, इंकलाबी है।
जुनून है, आफताबी है।
वतन है मेरा बदन है।
शहीद होना है क्या?
आज नहीं अभी नहीं।
जिल्लत है, सांसों की किल्लत है।
उन्माद है ,सब बर्बाद है।
गुस्सा है, कीमत है।
ए शायर तेरी ज़ीनत है।
मिटना है क्या?
आज नहीं,अभी नहीं।
फक्र है ,फर्क है।
स्वर्ग है , नर्क है।
शैतान ही इंसान है।
इंसान है तो भगवान है।
जहन्नुम है, ज़न्नत है।
ख़ुदा है,मेरी मन्नत है।
वजूद है, सूरत है।
तीखी है लेकिन सीरत है।
बर्बाद होना है क्या?
आजनहीं,अभीनहीं।आजनहींअभीनहीं।आजनहीं,अभीनहीं।
By Dharmendra Bharti