फ़र्ज़ Hashtag KalakarNov 19, 20221 min readRated NaN out of 5 stars.By Dr. Shahina Praveenफुर्सत कहाँ मिलती करूँ आराधना किसी की वक़्त काम पद जाता निभाते फ़र्ज़ का क़र्ज़। By Dr. Shahina Praveen
Shayari-3By Vaishali Bhadauriya वो हमसे कहते थे आपके बिना हम रह नहीं सकते और आज उन्हें हमारे साथ सांस लेने में भी तकलीफ़ होती...
Shayari-2By Vaishali Bhadauriya उनके बिन रोते भी हैं खुदा मेरी हर दुआ में उनके कुछ सजदे भी हैं वो तो चले गए हमें हमारे हाल पर छोड़ कर पर आज भी...
Shayari-1By Vaishali Bhadauriya इतना रंग तो कुदरत भी नहीं बदलता जितनी उसने अपनी फितरत बदल दी है भले ही वो बेवफा निकला हो पर उसने मेरी किस्मत बदल...
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