फ़र्ज़
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फ़र्ज़

By Dr. Shahina Praveen





फुर्सत कहाँ मिलती करूँ आराधना किसी की

वक़्त काम पद जाता निभाते फ़र्ज़ का क़र्ज़।


By Dr. Shahina Praveen






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