वक्त
- Hashtag Kalakar
- Oct 28
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By Sumit Kumar Agrawal
वक्त ने मेरे वक्त का हिसाब मांगा
कहां कहां बरबाद किए बता अभागा
मेने कहा वक्त ने मुझे कभी अभागा होने नही दिया
और मैने तो अपना वक्त सभी अपनो को ही दे दिया
वक्त ने पूछा तुम्हे क्या मिला
सुकून चैन या धन दौलते मिलि
गुस्सा प्यार या नफरते मिलि
इज्जत शोहरत या तारीफे मिली
रिस्ते, फरिस्ते या तकलीफे मिली
जितना वक्त अपनो को दिया वो बरबाद हो गई
जिम्मेदारी निभाते निभाते जवानी भी छूट गई
प्यार के पल जो बांटा करते थे अपनो से
बहुत कुरबानी देनी पड़ती थी अपने सपनो से
अपने किमती वक्त से ,वक्त निकालकर में
कुछ खास लोगो को खास वक्त देता था में
लेकिन वक्त ने ऐसा वक्त दिखाया की में
लोगों की नजर से नजर अंदाज होने लगा में
By Sumit Kumar Agrawal

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