बेटी
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बेटी

Updated: Jan 12, 2023

By Priyanka J Pandya





ढलती रही,

बदलती रही,

भाई के जन्म से -वो मुस्कुरा गए...


कभी जोकर बन गई,

कभी होशियार बन गई,

बस एक ही मलाल- बेटा न बन पाई मैं....


हर किस्सा उन्हें हँसाने सोचा,

हर घड़ी उनमें होकर सोचा,

बस हिस्सेदारी में -हिस्सा न बन पाई मैं...



कभी फ़र्ज़ बनकर,

कभी कर्ज़ बनकर,

एक रिश्ता उनका - न बन पाई मैं..


लिबाज बदल लिये,

एहसास बदल लिये,

न उनका बेटा, न बेटी बन पाई मैं...


By Priyanka J Pandya



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