“पतझड़”
- Hashtag Kalakar
- Nov 11
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By Mandeep Kaur
दुःख तो हुआ होगा टहनी को सूखे पत्तों को खोकर,
मुश्किल तो हुआ होगा अकेला सा होकर।
मगर जब पतझड़ के बाद बहार आएगी,
तो टहनी खुद ही समझ जाएगी —
कितना ज़रूरी था सूखे पत्तों का खोना,
अपने ही हिस्से से जुदा होना।
बहार ने समझाया —
अगर टहनी पत्तों से जुदा न होती,
तो वो भी आज सूखे पत्तों की तरह कहीं खो गई होती।
By Mandeep Kaur

Nice