इश्क
- Hashtag Kalakar
- Sep 7, 2023
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Updated: Aug 21
By Avaneesh Singh Rathore
इश्क पैमानों से करूं
इतना महान भी नहीं हूं
कोई कसर कैसे छोड़ दूं
किसी मयखाने में नहीं हूं
कोई कीमत कैसे लगा दूं
किसी खरीद फरोख्त में नही हूं
मैं मोहोब्बत बेहिसाब करता हूं
इश्क है , व्यापार में नहीं हूं
तुम उम्मीद तो हमेशा से हो
कभी ज़िद बनाने की सोची नहीं
जो सोच भी लूं कि कायनात हो
पर बिछड़ने की सोची नहीं
बदनाम मेरी मोहब्बत क्या
कान्हा को बंसी भी है
कैसे बन जाऊं महान मैं
अभी तो मीरा भी पावन है नहीं
दस्तक देंगी दुहाई भी
मेरे अज़ीम हो तुम जानते हो
ये कहानी गूंजेगी कायनात में
सब सुनेंगे बस तुम नहीं
दरखतों के साए में
हम बहुत रोया करते थे
अब वही सुकून है
लेकिन जज़्बात बह ही जाते हैं
By Avaneesh Singh Rathore

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