आजिज़
- Hashtag Kalakar
- Nov 19, 2022
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By Dr. Shahina Praveen
ना जीने की तमन्ना, ना ख्वाहिश रही मरने की
कुछ इस क़दर आजिज़ तूने की, ऐ ज़िन्दगी
एक फैसला ही है की कोई फैसला ना हो
इसी कश्मकश में पोशीदा रब की बंदिगी।
शाहिना प्रावीन
By Dr. Shahina Praveen

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