- hashtagkalakar
Tara
By Amit Sethia
आज जैसे आसमान में दिखा एक तारा,
एक मुददत के बाद जैसे मिला कोई अपना,
आसमां में चमकता वो एक तारा,
है कोई एक अपना ही वो सितारा !
लाखो की भीड़ में अकेला वो तारा,
है नजरें लगाएं हमपर ही सारा!
मैं उसे देखता हूं,
वो मुझे देखता है,
वो मुझे जानता है,
मैं उसे जानता हूं !
है अपनो से दूर अपना वो एक तारा,
रखता है आसमां से खयाल हमारा,
खामोश होकर भी कुछ कह जाता है वो तारा,
दिल को जैसे सुकून दे जाता है वो सितारा!
रात को जब अंधेरा सा होता है,
खुशी की एक रोशनी लाता है वो तारा,
होती है मुलाकात हर रात एक अपने से,
कहता हूं जिसे मैं है वो मेरा तारा !
आसमां में चमकता वो एक तारा,
है कोई एक अपना ही वो सितारा !
By Amit Sethia