Pita
- Hashtag Kalakar
- Mar 10, 2023
- 1 min read
By Sanket S. Tripathi
इन ऊचाईयों का श्रेय केवल मेरे शीश को ना दे पर्वत,
पैरों के छालों से बनी ये विजय माला है;
मुझे जाड़े की सर्दी छू ना सकी मेरे,
पिता ने अपने सपनों तक का अलाव बना डाला है।
By Sanket S. Tripathi

Comments