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Pani
By Pooja
गजब सुनी पानी की कहानी, कही मौत दे कही जिन्दगानी ।
पानी प्यासे की प्यास बुझाए, डूबे तो कोई जहर बन जाये ।।
कही लहर बन मन हरसाए जब बने बाढ़ तो घर को ढाए ।
कुछ पानी आँखों में समाया, खुशी कभी -कभी बन गम आया ।।
कभी बनके भाप बादल में पाया, बरसे बादल तो भूमि पर आया ।
पानी ने पेड लगाए सारे, और बक्शी सबकी जिन्दगानी ॥
खड़े हुए जो हिम पर्वत है, जड़ तो उनकी भी है पानी ।
करें मेहनत तो आए पसीना, तो वो भी तो होता है पानी॥
इससे ही तो चलती सारी ढुनियाँ, बिन पानी कैसी जिन्दगानी ।
कितनालिखदोभरेनसागर, ऐसीपानीकीहैकहानी॥
By Pooja