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Lori
Updated: Sep 13
By Kanchan Bansal
बह जा रे नदियां
आजा रे निंदिया
तुझको बुलाये
मुन्ना की अंखियां-2
मुन्ना के संग में
तू भी आ सुन ले
कैसे खिली थी
आजादी की बगिया।
उसमें सजे थे फांसी के झूले
हंसते-हंसते झूल गए वो
वतन के दीवाने
हर रिश्ता भुला कर
देश की खातिर
सब कुछ लुटा कर
अपने लहू से महका दी,आजादी की कलियां
जय हिंद से गूंजी,भारत की गलियां
अब तिरंगे से ओढ़ी,भारत मां ने चुनरिया
ऐसी खिली थी,आजादी की बगिया।
बह जा रे नदियां
आजा रे निंदिया
तुझको बुलाये
मुन्ना की अंखियां-2
मुन्ना मेरे तू, आसमां को छूना
पर देश को दिल में,बसाये तू रखना
ऋषि मुनियों की थाती,संभाले तू रखना
तेरे दिल में बहेगा,भावों का दरिया
पर तुझको है बनना,देशभक्ति का जरिया
तू कदमों को अपने,बहकने ना देना
संस्कारों को मेरे, बिखरने ना देना
तिरंगे को मेरे,तू झुकने न देना।
बह जा रे नदियां
आजा रे निंदिया
तुझको बुलाये
मुन्ना की अंखियां-2
By Kanchan Bansal