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By Rushikesh Girgaonkar





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By Himanshu Angad Rai उसके खोने का सबब पूछा, वो कहता है कोई गिला नहीं। उससे उसी का पता पुछा, हंसके कहता है कहीं मिला नहीं।। By Himanshu Angad Rai

By Himanshu Angad Rai दिन भर हसने के बाद रात में क्यों रोते हो, अपने घर का पता याद रखो बार-बार क्यों खोते हो। इस कायनात में जिसको ढूँढते हो मिलेगा तो नहीं, तुम आशिक हो जनाब अपनी कलम क्यों छोड़ते हो।।

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