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Chai

By Shivani Goel


चाय हमें खूब भाती है,

नाम लेते ही खुशी छा जाती है।

कई तरह की होती चाय,

जो हर कीमत में आती है||


ताजमहल ब्रांड की चाय,

500 रुपये किलो आती है।

पियें जो ‘ताज’ होटल में जा कर,

500 रुपये में एक कप चाय आती है ||


काफी बड़ा बिजनेस है ये,

विज्ञापन में मशहूर लोग आते हैं।

ज़ाकिर हुसैन भी ' वाह उस्ताद' नहीं

‘वाह ताज' कहलाते हैं ।


बाघ बकरी चाय 'हाय से नहीं' ,

'चाय' से रिश्ते बनाती है|

'जागो रे' और 'ताजा हो ले' ,

नारा कुछ कंपनियां लगती हैं।|


चाय गरम गरम ही भाती,

ठंडी चाय बेकार हो जाती है।

कड़क चाय की तो अपनी है बात,

कुछ लोगों को दूध में पत्ती भाती है ||


बेड-टी का चलन खराब है,

ये नुक्सान पहुंचाती है |

ग्रीन टी का चलन है बढ़ रहा,

क्‍योंकि यह बैली (belly) फैट घटाती है ||


दूध के साथ नमक का ना हो मेल,

पकौड़े नमकीन के साथ न भाए|

चाय ही है बढ़िया ड्रिंक,

जो इन सब का जायका बढ़ाए ||


हो कोई फिल्म का सेट,

अस्पताल, कार्यालय या दुकान |

बाहर खड़ा चाय वाला,

करता सप्लाई चाय सुबह शाम ||


सब प्रोग्राम में 2-3 घंटे के बाद,

एक छोटी ब्रेक जरूर है आई।

चाहे हम कॉफी परोसें पर,

Tea-Break नाम ज्यादा famous है भाई|


जब उद्घाटन और सत्र में,

कुकीज और चिप्स के अलावा |

समोसा सैंडविच या हो मिठाई,

तो वो 'high tea' कहलाई ।


रिश्तों को निभाने के लिए,

हम लोगों को खाने पर बुलाते हैं|

जहां समय की होती पाबंदी,

हम चाय से काम चलाते हैं ||





घर आए मेहमान को जब,

कुछ भी खिलाया जाता है।

चाय उसमें हो ना हो,

चाय-नाश्ता ही कहलाता है।|


जब लड़की को पसंद हो लड़का,

तो मम्मी लड़के को चाय पर बुलाती है।

देखने आए जो लड़के वाले,

तो लड़की चाय ट्रे में ले कर आती है।|


माता -पिता अपनी बिटिया के लिए,

जब लड़का देखने जाते हैं |

जो नहीं पीता हो मदिरा,

Tea-totaler ही ढूँढ़वाते हैं ||



पति पत्नी के रिश्तों को चाय,

और प्यारा और मधुर बनाती है।

हमने फिल्मों में उदाहरण देखे हैं,

कैसे प्रेम से चाय लाकर जया जी,

अमिताभ जी को सुबह जगाती है ||


ट्रेन में लम्बे सफर में,

'चाय चाय' की आवाज सुबह उठाती है।

भारतीय रेल चाय कुल्हड़ में दे कर,

भारतीय ट्रेडमार्क और चाय का स्वाद बढ़ाती है ||


भारत भ्रमण में कहीं भी जाए,

तरह-तरह का खाना मिल जाएगा।

देख का हो पहला या आखिरी छोर,

एक टी-स्टॉल जरूर तिरंगा लहराएगा ||


लम्बे सफर में मालिक-नौकर साथ रुक कर,

चाय पिएं तो अपनेपन का एहसास बढ़ जाता है|

दस रूपए का चाय का प्याला,

अमीर-गरीब का भेद मिटाता है ||


गुरुद्वारे मैं जब हम जाएं,

मिलता लंगर और चाय प्रसाद |

जिस से हम पाएं भूख से तृप्ति,

और गुरुजी का आशीर्वाद ||


ऐसा नहीं सिर्फ नशा है चाय,

जो सिर्फ लत और स्वाद बढ़ाए|

अदरक तुलसी डाल बनी चाय,

जुकाम बुखार ठीक कर जाए ||


ग्रीन टी पाउडर पास्ता और

कुकीज का स्वाद बढ़ाए||

उबली हुई चाय पत्ती भी है उपयोगी,

गमलों में खाद के काम आए।|


चाय है एक ऐसा पेय जो,

सबकी नीयत और पॉकेट में समाता है |

जिसको प्यार से हम पिलायें,

उसकी इज्जत और खुशी बढ़ाता है ||


आइयेगा बैठ के मारेंगे गप्पे,

और करेंगे ‘हाय’ और ‘बाय’।

कुछ समय बैठ कर और बतियायें,

आइये न, हम चाय बनाएं ||


By Shivani Goel





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