माँ
- Hashtag Kalakar
- Sep 1, 2023
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Updated: Jul 30
By Gaurav Abrol
मै रोता तो वो हँसाती
मै लड़ता तो वो मनाती
मेरी हर ज़रूरत वो जानती है
मुझसे ज़्यादा वो मुझको पहचानती है
थोड़ा दांटे बोहत लाड लड़ाती है
मेरे पीछे – पीछे भाग कर मुझे खाना खिलाती है
मै पास नहीं जब , मेरी यादों संग झूला झूलती है
क्यूंकी माँ कुछ नही भूलती है
खुद गीले में सही , मुझे सूखे में सुलाया करती वो जो लग जाती चोट मुझे, बिठा गोद में सहलाया करती वो रिश्तों को शिद्दत से बखूबी निभाया करती वो पापा की डांट से हर -दम बचाया करती वो मेरी गलतियों की सज़ा, हँस -हँस कर कबूलती है क्यूँ कि माँ कुछ नहीं भूलती है||
By Gaurav Abrol

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