तुम
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तुम

Updated: Dec 3, 2022

By Shrunoti Kakade






सर्दियो में कंबल का सहारा हो तुम,

धूप में छाव का सुकून हो तुम |


भीड में अपनेपण का एहसास हो तुम,

मेरे सपने को हकीकत में लाने वाले, एक फरिश्ता हो तुम |





सौ सवालों का एक जवाब हो तुम,

ढलते सूरज जैसा, प्यारा सा नजारा हो तुम |


इश्क की परिभाषा हो तुम,

मेरी खुशियाँ जिस्मे कैद थी, उस ताले की चाबी हो तुम,

जूलियट के रोमिओ नही, इस राधा के कृष्णा हो तुम |


By Shrunoti Kakade





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