Maa
- Hashtag Kalakar
- Oct 28
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By Sumit Kumar Agrawal
यूं तो दुनिया मे कोई शब्द नही है, मां पर लिखने के लिए
फिर भी कुछ अल्फाज कोशिश करता हूं,लिखने के लिए
ममता की मूरत और भगवान की सूरत होती है !"मां"
प्यार का दरिया और सबसे खूबसूरत होती है ! "मां "
मां ही चलना सिखाती है, मां ही बोलना सिखाती है
जब पढ़ाई मे हो कमजोर तो, मां ही राह दिखाती है
ज्ञान का दीप जलाती है,संस्कार का घी डालती है
किससे करू तुलना मां कि,वो भगवान से पहले आति है
बच्चों के हृदय की विडंबना को, चेहरे से पढ़ लेती है
बिन बोले बच्चों की हर जरूरत को, समझती लेती है
हर थप्पड़ मे भी प्यार होती है जिसकी, वो मां होती है
परिभाषा नहीं कोई, जिसकी भाषा की,वो मां होती है
मां का आंचल सर पर है ,तो दुनिया याद नही आती
बच्चे जब तक घर नहीं आए ,मां को नींद नहीं आती
बच्चा जितना भी बड़ा हो जाए, मां के लिए बच्चा होता है
दुनिया को चाहे झूठ बोल दे,मां के सामने सच्चा होता है
मां कि गोदी मे बैठ जाओ तो, सिंहासन भी छोटा लगता है
मां का हाथ , सर पर है तो ,आसमान भी छोटा लगता है
समंदर की गहराई से भी बडा, मां का दिल होता है
बच्चों के लिए वही भगवान,वो ही पूरा संसार होता है
By Sumit Kumar Agrawal

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