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Ek Safar
By Aprita Patel
एक सफर इस ज़िन्दगी का,
एक सफर उस सारी पुरानी यादों का,
सुहाने से रास्ते से हम ऐसे ही निकल आये,
बचपन की खुशी को हम यूँही पीछे छोड़ आये|
दिन गए वह, जहाँ होती थी थोड़ी शैतानियां ,
थोड़ी बचकानिया,और मीठी ठिठोलियाँ ,
बस्ता तो एक बहाना था,
स्कूल तो दोस्तों से मिलने को जाना था|
कस्ती को अब आगे लेकर जाना है,
समुन्द्र है ज़िन्दगी,अपनी नौका को पर करवाना है,
कामयाबी की सीधी को,पार करना है,
एक सफर लक्ष्य तक का और तय करना है |
सफर की रफ्तार को तेज़ करना है,
क्या यह बस वही तक का है?
यह तो अब भी अधूरा है,
क्यूंकि इस सफर मै राही को,
ना मंज़िल का ठिकाना है,
नासफरका ||
By Aprita Patel