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Abhi-Abhi Ek Baat Hai Samjhi
By Kiran Tekawade
अभी-अभी इक बात है समझी, दुनिया में क्या होता है
पंक्चरवाले के नज़दीकही टायर पंक्चर होता है
मीठा फल पत्थर खाएगा कड़वा काटा जाएगा
सबको हँसानेवाला अक्सर भीतर-भीतर रोता है
माया का सब खेल है दुनिया कहने को कह देते हैं
माया को ठुकरानेवाला ख़ुद माया बन जाता है
कौन सुने है ख़ामोशी को, सबको अपनी कहनी है
सही-ग़लत के बाज़ारों में सच ही कुचला जाता है
क्या पाना है? क्या पाने की धुंद में भाग रहे हैं सब?
मंज़िलपानेवालाभीक्यूँराहोंमेंरहजाताहै? रहजाताहै?
By Kiran Tekawade