Abhi-Abhi Ek Baat Hai Samjhi
top of page

Abhi-Abhi Ek Baat Hai Samjhi

By Kiran Tekawade


अभी-अभी इक बात है समझी, दुनिया में क्या होता है

पंक्चरवाले के नज़दीकही टायर पंक्चर होता है


मीठा फल पत्थर खाएगा कड़वा काटा जाएगा

सबको हँसानेवाला अक्सर भीतर-भीतर रोता है





माया का सब खेल है दुनिया कहने को कह देते हैं

माया को ठुकरानेवाला ख़ुद माया बन जाता है


कौन सुने है ख़ामोशी को, सबको अपनी कहनी है

सही-ग़लत के बाज़ारों में सच ही कुचला जाता है


क्या पाना है? क्या पाने की धुंद में भाग रहे हैं सब?

मंज़िलपानेवालाभीक्यूँराहोंमेंरहजाताहै? रहजाताहै?


By Kiran Tekawade








4 views0 comments

Recent Posts

See All

Maa

By Hemant Kumar बेशक ! वो मेरी ही खातिर टकराती है ज़माने से , सौ ताने सुनती है मैं लाख छुपाऊं , वो चहरे से मेरे सारे दर्द पढती है जब भी उठाती है हाथ दुआओं में , वो माँ मेरी तकदीर को बुनती है, भुला कर 

Love

By Hemant Kumar जब जब इस मोड़ मुडा हूं मैं हर दफा मोहब्बत में टूट कर के जुड़ा हूं मैं शिक़ायत नहीं है जिसने तोड़ा मुझको टुकड़े-टुकड़े किया है शिक़ायत यही है हर टुकड़े में समाया , वो मेरा पिया है सितमग

Pain

By Ankita Sah How's pain? Someone asked me again. " Pain.." I wondered, Being thoughtless for a while... Is actually full of thoughts. An ocean so deep, you do not know if you will resurface. You keep

bottom of page