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Maa
By Tanya Sharma
आज बात करते हैं उसकी
जिसकी दुनिया उसका घर
उसका परिवार है
वो भी काम पर जाती हैं
पर वो सैलरी के बदले
प्यार कमाती है
जिसकी हाथ की रोटी में
बाहर के पिज़्ज़ा से ज्यादा
सवाद है और जिसकी
डॉट में गुड़ से भी ज्यादा
मिठास है
आज बात करते हैं उसकी
जिसके आगे डाक्टर के
भारी इलाज भी खाली है
उसके बच्चों की तबियत
ठीक करने के लिए उसकी
उतारी हुईं नजर ही काफी है
जो भले ही अभी बुरी लगती हो
पर दुख मे हमेशा याद आती है
जब सब हाथ छोड़ दे
तब वही साथ निभाती हैं
आज बात करते हैं उसकी
जो हमे इस दुनिया में लाती है
भले ही हमे उससे कुछ काम न हो
पर घर मे घुसते ही मम्मी कहाँ है
यही बात याद आती है
जो रुठ जाऐ तो कुछ अच्छा
नहीं लगता और अगर मान जाऐ
तो वो रूठी थी
ये भी पता नहीं लगता
आज बात करते हैं उसकी
जिससे अपनी मन की बात
बताऐं बिना रहा नही जाता
माना वो गुस्सा बहुत करती है
पर उसकी डाट खाऐ बिना
हमसे सुधरा भी नहीं जाता
जिसका नाम हर दर्द मे
याद आता है और
अगर हम खुश है
तो उस खुशी से भी उसकी
दुआओ का नाता है
आज बात करते हैं
उस माँ की
जिसके बिना मुझसे
तो रहा नही जाता
मैं कह देती हूँ कभी कभी
कि वो मुझसे प्यार नहीं करती
पर मेंरा मन जानता है
कि उसके जितना मुझे कोई नहीं चाहता
By Tanya Sharma