By preethi bansal
देखो दौर पुराना आया है,
कूलड्रिंक को छोड़ जीवन काढ़ो पर आया है!
पार्टियों में जाना बंद हुआ,
घर में अपनों के लिए वक्त निकल आया है!
दूर हुए थे जो अपने,
उनको भी समय ने साथ मिलाया है!
लगता वक्त बुरा है,
लेकिन शायद इसने कुछ अच्छा छुपाया है!
पतझड़ सा लगता मौसम,
लेकिन पतझड़ के बाद ही तो सावन आया है!
डूब रहा है सूरज तो क्या,
डूबता सूरज ही तो फिर सूर्योदय को लाया है!
जीवन ने देखा है बहुत कुछ,
आज बुरा तो कल अच्छा दिन भी आया है!
वक्त ही तो है,
वक्त के साथ जो वक्त बदलता आया है!
By preethi bansal