'Wo To Ek Hi Hai' - By Anurakti Dev Singla Nee Srivastava
top of page

Wo To Ek Hi Hai

Updated: Feb 10

By Anurakti Dev Singla Nee Srivastava


वो तो एक ही है- भगवान कहो या अल्लाह 

गूँज रहा हो ओमकार या हो रही हो अज़ान 

ज़ुबाँ पड़ रही हो पवित्र गीता या पाक क़ुरान 

हाथ उठे करने पूजा या करने इबादत 

दे रहे हों दान या दे रहे हों ज़कात 

वो तो एक ही है- भगवान कहो या अल्लाह


वो तो एक ही है- माँ कहो या अम्मी 

आँखों में लगा हो काजल या काला सुरमा 

स्वाद वही है बनाएँ खीर या शीर ख़ुरमा 

तन ढँका है बुर्क़े से या ओढ़ा हो घूँघट 

देती है सिर्फ़ प्यार बच्चों से लिपट लिपट 

वो तो एक ही है- माँ कहो या अम्मी 


वो तो एक ही है- पिता कहो या अब्बा 

पहनी हो शेरवानी या कुर्ता धोती 

सिर पे पगड़ी हो या हो सफ़ेद टोपी 

माथे पर हो लाल तिलक या हो ज़बीबा 

हाथ फेर कर प्यार से देता है सिर्फ़ दुआ 

वो तो एक ही है- पिता कहो या अब्बा


वो तो एक ही है- संतान कहो या औलाद 

वही प्यारी मुस्कान वही बिलख बिलख कर रोना 

वही चेहरे की मासूमियत वही हठ वही खिलौना 

वही दादी माँ की कहानियाँ वही ओढ़ना बिछौना 

वही पढ़ लिखकर क़ाबिल बनना और सपने पिरोना 

वो तो एक ही है- संतान कहो या औलाद 


वो तो एक ही है- अपनों का प्यार 

वो तो एक ही है- खून का रंग लाल 

वो तो एक ही है- दर्द का कड़वा एहसास 


फिर क्यों ईमान पर लकीरें खींच हिंदू मुसलमान कर दिया 

फिर क्यूँ ज़मीन पर सरहदें बना भारत पाकिस्तान कर दिया 

इंसानियत का लहू बहाकर गलियों को श्मशान कर दिया 


वो तो एक ही है न- अपनों का प्यार 

वो तो एक ही है न- खून का रंग लाल 

वो तो एक ही है न- दर्द का कड़वा एहसास 

तो क्यों न आज मिलके क़सम खाएँ 

दिल में नफ़रत की जगह मोहब्बत लाएँ 

देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएँ 

विश्व में एक नया मुक़ाम बनाएँ



वो तो एक ही है- भगवान  - कहो या अल्लाह । गूँज रहा हो ओंकार या हो

 रही हो अज़ान जुबाँ पढ़ रही हो पवित्र गीता या पाक कुरान करने पूजा या करने इबादत दे रहे हो यां दे रहे हो हा जकात वो तो एक ही है- मा कहो या अम्मी ! आँखों में लगा हो काजल या हो काला सुरमा स्वाद वही हैं बनाए खीर या शीर खुरमा तन ढंका है बुरके से या ओढ़ा हो घूंघट देती है सिर्फ प्यार बच्चों से लिपट लिपट वो तो एक पिता कहो या पिता पहनी हो शेरवानी अब्बा। करता धोती या करता सि पे प्रगड़ी हो या हो सफेद टोपी माथे पर हो लाल तिलक या हाथ फेर कर प्यार से देता है हो डाबीबा सिर्फ वो तो एकू ही हूँ- संतान कहो या औलाद । वही प्यारी मुस्कान वही बिलख बिलखरोता वही चेहरे की मासूमियत वही हळू वही सिलोना वही दिख दादी माँ की कहानिया वही ओढ़ना - बही पढ़ लिख कर काबिल बनना और सपने विद्वाना पिरोना, वो तो एक ही है - अपनों का प्यार खून का रंग लाल " - दर्द का कड़वा एहसास फिर क्यों जमीन पर लकीर शींच कर भारत पाकिस्ताम सरहद बना कर दिया क्यों ईमान पर लकीरेर सींच हिंदू मुसलमान कर दिया इंसानियत का लहू बहा कर दे गलियों को श्मशम कर दिया ? घर जलेंगे मेरे और तुम्हारे, हर गली में होग उनका ने कुछ बिगड़ा न कुछ बिगड़ेगा आज हिंदू बदला न कुछ बदलेगा हंदू मुस्लिम करते हैं। अलग अलग


By Anurakti Dev Singla Nee Srivastava



98 views3 comments

Recent Posts

See All

Ishq

By Hemant Kumar koi chingari thi us nazar me , ham nazar se nazar mila baithe faqat dil hi nahi , daman o dar jala baithe ta umr jala (hu) fir jalte jalte khaakh hua muhabbat raakh na hui me hi raakh

जब भी तेरी याद आएगी

By Divyani Singh जब भी तेरी याद या आएगी ना चाहते हुए भी... तेरे साथ न होने की कमी हमें रुआंसा कर जाएगी हंसते हुए होठों पर उदासी को लाएगी खुशी से सुर्ख आंखों में भी तेरी याद की प्यारी नामी दे जाएगी । ज

Maa

By Divyani Singh Zindagi ek khubsurat kissa hain .. Bin maa k adhura hissa hain... Maa jo pyaar sae Sula dey maa jo pyaar sae utha dey ...gam bhi agar kuch hain to maa ka sath ..khushi mein bhi kuch h

bottom of page