top of page

वक्त

Updated: Jun 7, 2023

By Swapna Jyoti



वक्त से ज्यादा खूबसूरत कातिल आज तक कोई हुआ है क्या…?

जो खुद से ज्यादा खुद के नए दौर की बेचैनी देने में माहिर है।

वक्त की नवाजिश ही तो रंजिश है

जिससे जूझना ही काम है

नसीब रहा तो निखर गए

वरना मिट्टी से बने मिट्टी में मिल गए।

होता है सब कुछ वक्त की बदौलत




बादशाहत दिखाता इंसान है

जब गुमान दिखाता है वक्त अपना

उस पल हो जाता सब खाक है।

जिसने किया गुरूर इसपे

उसने अपना सब लुटा दिया

और समझी जिसने इसकी नजाकत

वक्त ने उसको खुदा किया।



By Swapna Jyoti




Commentaires

Noté 0 étoile sur 5.
Pas encore de note

Ajouter une note
SIGN UP AND STAY UPDATED!

Thanks for submitting!

  • Grey Twitter Icon
  • Grey LinkedIn Icon
  • Grey Facebook Icon

© 2024 by Hashtag Kalakar

bottom of page