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हमने भी तुम पे नींद हारी है…

By Dr. Anil Chauhan "Veer"


तेरे चेहरे में वो खुमारी है, रात करवट बदल गुजारी है |

तुमने हारा है मुझपे दिल अपना, हमने भी तुम पे नींद हारी है ||

तुम भी सोते नहीं हो रातों को,

हम भी बस करवटें बदलते हैं |

तुम शमा बनके उधर जलते हो,

हम इधर मोम से पिघलते हैं ||



उस तरफ तुम भी बेक़रार से हो, और यहाँ पर भी बेकरारी है |

तुमने हारा है मुझपे दिल अपना, हमने भी तुम पे नींद हारी है ||

तुम बहुत दूर हो मुझसे लेकिन,

जाने क्यूँ आस-पास लगते हो |

कल तलक अजनबी के जैसे थे,

आज क्यूँ इतने ख़ास लगते हो ||

दिल तो पहले ही ‘वीर’ दे बैठे, अब तो ये जान भी तुम्हारी है |

तुमने हरा है मुझपे दिल अपना, हमने भी तुमपे नींद हारी है ||


By Dr. Anil Chauhan "Veer"




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