Punah Ek prayash
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Punah Ek prayash

Updated: Sep 20, 2022

By Kaushal kishor


इतनी जल्दी हार क्यों, एक बार पुनः जी कर तो देखो

संभव है, तुम्हे जो भी कष्ट मिले अस्वाभाविक थे

एक बार शिव समान सांसारिक विष पी कर तो देखो।।

इतनी जल्दी हार क्यों, एक बार पुनः जी कर तो देखो।


कृष्ण भगवान थे, क्यों न संसार की सोच बदल देते।

कृष्ण भगवान थे, क्यों न संसार की सोच बदल देते

योद्धाओं को निर्बल और सम्पूर्ण संसार को संबल देते।

एक बार उनकी तरह अभिमन्यु को खोकर तो देखो,

स्वयं के लिए नही, सम्पूर्ण संसार के लिए रोकर तो देखो।।


क्या नहीं है पाने को? क्या नहीं है पाने को

जीवन है, प्रेम है, धारा है, व्योम है

आत्म को ईश्वर से साक्षात कराता हमारे अंदर का ॐ है।

मृत्यु तो डराती है, है आत्मबल अगर जीकर तो देखो,

एक बार शिव समान सांसारिक विष पीकर तो देखो।।





जो परिश्रमी है वही थकता है।

चलता है वही रुकता है।

तो क्या कोई चलना छोड़ दे, या संकटों से लड़ना छोड़ दे।


क्या हुआ हथेली नहीं है तो क्या भाग्य तो है।

माना की ललाट में दाग है तो क्या सौभाग्य तो है।

कमियां सुन्य हो जायेगी, व्यर्थ चिंता से निकलकर तो देखो

एक बार शिव समान सांसारिक विष पीकर तो देखो।।


By Kaushal kishor




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