By Suroochi Rahangdale
कहीं अनजाने में कुछ गुल खिले थे।
जब थोड़े जाने पहचाने से तुमसे हम मिले थे।
पहली नजर का तो प्यार नहीं थे
“तुम मेरा”
पर नजरअंदाज कर दे इस कदर भी नहीं थे।
बस बन गया एक रिश्ता और हम हमसफर हो गए।
हर बीते पल के साथ इतना चाहा कि फिर खुद से बेखबर हो गए।
अब तो एक दूजे में बसते हैं हम।
तेरी एक प्यार भरी नजर से सजते हैं हम।
बस ऐसे ही साथ-साथ रहना मेरे।
जब तक सांस ना थमेगी पास रहूंगी तेरे।
कोई नुक्स भी निकले तो क्या ही उसे दिखेगा?
चाहे लाख टुकड़े कर दे तो भी हर जगह तू ही बस मिलेगा।
तू ही तू बसता है हर अक्स में मेरे।
तू ही तू बसता है हर अक्स में मेरे।
By Suroochi Rahangdale
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