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Dreams
Updated: Sep 21, 2022
By Shivvir Singh Bhdauria
जितने सपने , उतने काश
जितने भ्रम, उतने विश्वास
कितनी राहें, मोड़ हैं कितने
पर दिल में मंज़िल की आस
जब सोते तो पास तुम्हारे
सपने सुंदर लेके आते
उठते जब तुम चूम के तुमको
आलिंगन में साथ जगाते
हँसते तुम ,मोती खुशियों के
अपनी झोली में भर लाते
अगर कभी आंसू घिर आते
लगा हृदय हम तुम्हे मनाते
एक निवाला , हाथ तुम्हारे
उन हाथों का स्वाद जो पाते
संग साथ की उस खुशबू से
मन के पंछी चहके जाते
शब्द हमेशा कम पड़ जाते
दिल की बात कहां कह पाते
एक जनम की बात कहां थी
तुमसे तो सदियों के नाते .
By Shivvir Singh Bhdauria