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Blood Donor's Day
By Nirupama Bissa
बहा देते हो ना
जिसे तुम
कभी प्यार के नाम पर
कभी इश्क के लिए
तो कभी मुहोब्बत की कसमों पर,
एक बार उसी को बहाना
जीवनधारा समझकर।
ये जो मेरे अंदर,
तुम्हारे अंदर
बहता हुआ एक
लाल दरिया है ।
समझ जाओगे तुम भी ,
किसी के दिल में हमेशा
धड़कने का
कितना खूबसूरत ज़रिया है ये।
कभी निकल पड़ते हो
गलियों में
यूं ही खून बहाने
अपनो का ।
क्या लगता है तुम्हें,
सिर्फ गलियां
रक्तरंजित करते हो?
आखिर नाली में बहाकर,
ये जीवनधारा,
क्या अर्जित करते हो?
किसी की नसों की ओर,
कभी मोड़कर देखो इसका रूख़,।
जान जाओगे तुम भी
क्या होता है , सच्चा सुख ।
ये रक्त मेरा
ये रक्त तुम्हारा,
आओ ना
बना दे इसे
किसीकीजीवनधारा।
By Nirupama Bissa