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समय

Updated: Feb 16, 2024

By Aarti Gupta


तू जिनके लिए हमेशा खङा रहा,वो राह भर तुझे कोसता रहा

संग तेरे दौङ मे, तेरे अपने ही शामिल थे,

जिनकी खुशी में तू खुश होकर हँसता रहा ।।


जिन्हें देख कर तू आज हैरान है,

वो तो कब से तेरे जीने की अदा से परेशान हैं,

तूने जिसे संग अपने हर खुशी में शामिल किया,

वो अपनी ज़रूरत तक ही, बस तुझे पूछता रहा ।।


जब तू अकेले अपनी जंग से, लड रहा था,

तुझे जीना कैसे चाहिए, ये उनके बीच मुद्दा रहा,

जो किया तूने हँस कर उसके लिऐ, आँखें बन्द हैं,

तुझे क्या करना चाहिए था, वो बैठ कर ये ही तोलता रहा।।



यूँ कोने में उदास हो, जो तू आँखें भर कर लेटा है,

कभी अर्जुन के जैसे छोड़ कर सब कुछ सिर झुकाये बैठा है,

तू हर सदी में दुख सिर्फ इसी बात का क्यू मनाता है,

मैं समय हूँ, यकीन कर, हमेशा से ही ऐसा होता रहा है ।।


तू चोट खाकर भी मुस्कुरा लेता है, ये ही तेरी प्रवृत्ति है,

निकल कर इस जाल से आगे बढ, ये ही दुनियाँ की प्रकृति है,

तुझे खो देना तिल तिल कर के, ये उसकी हार है,

जो अपने मन की कालिख को, तेरी मासूमियत में ढूंढता रहा ।।


तू यकीन कर , तेरी कामयाबी के ढेरों पन्ने लिखे है मुझमें,

तू भी देखेगा वो रंग, जो मैने बदलते देखें हैं,

बस तू सब्र कर, समय आने पे, वो पन्ने शोर मचाएंगे,

क्योंकि मै ही समय हूँ, मैं युगों से ऐसे ही चलता रहा ।।


By Aarti Gupta






 
 
 

2 Comments

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Aarti Gupta.
Aarti Gupta.
Sep 24, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

Nice

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Gopal Thakur
Gopal Thakur
Sep 15, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

Excellent piece of work 👏 👌 👍

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