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समय
By Dr. Suboohi Jafar
यूँही नहीं कहते हैं, समय बड़ा ही बलवान है,
जिन्होंने इसका आदर किया, रचे उन्होंने कीर्तिमान हैं,
यही समय काल बन कर जीवन को समाप्त कर जाता है,
खेल इसका विचित्र है, इसे न कोई समझ पाता है।
यह सबके साथ चलता है, पर किसी के लिए नहीं रुकता है,
एक ही गति है इसकी, पर कभी-कभी भागता हुआ सा लगता है,
जब मन हो व्याकुल और आतुर, तब थमा हुआ सा प्रतीत होता है,
जो इसकी महत्ता नहीं जानता, वह अपनी ही हानि करता है।
जिस प्रकार नदी का अविरल जल, कल-कल कर के बहता है,
उसी प्रकार जीवन सरिता का हर पल, कल बन कर गुज़र जाता है,
इस आज और कल के रहस्य को कोई न जान पाता है,
जीवन का स्वर्णिम क्षण, इसी उधेड़बुन में व्यतीत हो जाता है।
यह वह तथ्य है, जो निष्ठावान का साथ देता है,
सफ़ल हो जाता है वह व्यक्ति, जो अनुशासित रहता है,
इसकी महत्ता को समझने वाले का नाम, इतिहास के पन्नों में अंकित होता है,
सदैव चलायमान, अनवरत, यह बस चलता जाता है।
आलस्य मिटाओ समय रहते, यदि जग में नाम करना है,
प्रतिदिन परिश्रम करो जीवन में, यदि भविष्य में सुखी रहना है,
न करें कभी समय से समझौता, ये नहीं किसी की सुनता है,
है यह सबसे अनमोल धन, वापस लौट कर नहीं आता है।
By Dr. Suboohi Jafar