- hashtagkalakar
मां
By Purnima Bajpai
तू शक्ति है, तू भक्ति है,
भगवान की कृपा - दृष्टि है।
मैं काव्य तो तू पंक्ति है,
आशय की तू उत्पत्ति है।
तू है करुण, तू प्रचंड है,
तू आदि है, तू ही अंत है।
तू रंग है, तू उमंग है,
महिमा तेरी तो अनंत है।
ममता कि पावन धारा है तू,
निस्वार्थ भाव सारा है तू।
कर्तव्य का है सार तू,
जीवन का है आधार तू।
मेरे होने का संदर्भ तू,
हर दर्द में हमदर्द तू।
तू है दुआ, है जान तू,
मेरी तो है पहचान तू।
सर्वोपरी है, मां है तू,
है जान तू, पहचान तू।
मेरी मां है तू।।
By Purnima Bajpai