top of page
  • hashtagkalakar

माँ

By Rohit 'Lukad' Jain





हज़ारों तक़लीफ़े हो तुम्हे देखके मैं ख़ुशी से फूल जाता हूँ,

जब हस्ती हैं मेरी माँ, मैं सारे गम भूल जाता हूँ ।।


ईश्वर का सबसे अननत्य आशीर्वाद

उसके चरणों के धुल में हैं,

बिन जाने, बिन देखे मोहब्बत करे,

ये माँ के मूल में हैं ।।


जो आँखें खोल अपने लिए ध्यान रखे

वो दुनिया होती हैं,

और जो आँखें बंद होने तक निस्वार्थ प्यार करे

वो माँ होती हैं ।


लोग इधर उधर के बेकार के किस्सों से

पन्ने भर लेते हैं,

हम माँ के चरण छू कर ज़िन्दगी की मुक़्क़म्मल

किताब पढ़ लेते हैं ।



By Rohit 'Lukad' Jain




92 views6 comments

Recent Posts

See All
bottom of page