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माँ
By Avani Acharya
आपकी दुनिया का एक छोटा सा हिस्सा हूं मैं,
आपकी कहानी का एक छोटा सा किस्सा हूं मैं,
आप में मैं समाई हूं,
आपकी मैं परछाई हूं,
साथ ही आपके चलती हूं,
और आपसे ही मैं लड़ती हूं।
क्यों न डांटती हो कभी,
क्यों न मरती हो कभी,
इतने प्यार से बड़ा करा मुझे,
आया नहीं कभी गुस्सा तुझे?
हर बात हँसकर टाल देती हूं,
माँ, कैसे आप मुझे इतना प्यार देती हो?
By Avani Acharya