By Manisha Keshab
राहे जुदा जुदा हैं
मंजिले ख़फा ख़फा हैं।
ऐ जिंदगी तू ही बता
कोई तो रास्ता दिखा ।।
मुठ्ठी में कैद न कर
अपनी मंजिले खुद तलाश कर।
पूरा आसमां तेरा हैं
बस उड़ने की देर हैं।।
यह न सोच क्या मिला क्या पाया
किसने किसको कितना दिया ।
लेन देन तो चलता रहेगा
यही तो हैं जिंदगी।।
जो ना मिला उसको छोड़
जो मिला उससे रूबरू कर।
हर पल इल्तिज़ा कर
पर ख्वाब देखना कभी ना छोड़।।
थाम ले हाथ हमसफर का
दिल में नई उमंग भर
निकल पर आज तू
एक नए जहां की खोज पर।।
By Manisha Keshab
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