- hashtagkalakar
साहस
By Arushi Sharma
कौएँ जैसे झुंडो वाली छोटी उड़ान ना भाए, हमे बाज़ सा आसमान छूने का शौक़ है,
खुशियों को जाकर कह दो दूर ही रहे, हमे ग़म में भी जश्न मनाने का शौक़ है,
जुगनू, तितली पंखों पर इतराते फिरो, हमे परवानों की तरह जल जाने का शौक़ है,
फूलो और कलियों खिलखिलाते रहो हमे काँटो की तरह लंबा उगनें का शौक़ है ,
लोहे जैसी मज़बूत,गहरी फ़ितरत है हमारी आग में मनचाहा ढल जाने का शौक़ हैं,
मुश्क़िलों से नज़र चुराना आदत नहीं हमारी पूरी हिम्मत से भिड़ जाने का शौक़ है
अश्क़ो खूब सताओ कोई ख़ौफ़ नहीं,हमे अश्क़ो से भरी आखों से मुस्कुराने का शौक़ है,
मर मर हर पल जीना रास आता नहीं, हमे ज़िन्दगी ज़िंदादिली से जीने का शौक़ है,
बहती हवाओ से जा कह दो औक़ात में रहे आंधियों को मुठ्ठि में भरने का शौक़ है,
काठ की लपेट क्या जलायेगी तन नश्वर,हमे तो सूरज की आग में तपने का शौक़ है,
सहारा बनाना नहीं किसी को बनना है पसंद, अपने पैरो पर ख़ुद आगे बड़ने का शौक़ है,
दुनिया की भीड़ क्या डरायेगी शेरदिल इंसान को,हमे अकेले राह में बड़ने का शौक़ है,
मोहब्बत की कोई चाह ही नहीं हमे नफ़रत के शोलों को हँसते हुए सहने का शौक़ है,
रास्ते के पत्थर क्या रोकगे मंज़िल हमारी, अपना रास्ता ख़ुद बनाने का शौक़ है,
मुक़ाम की परवाह नहीं सफ़र ए ज़िंदगी के हमे, नेकी की राह पर चलने का शौक़ है,
सीने में गर्व से भरी आग,
खून में उबाल, आँखों में चमक,
सच्चाई के नूर से चमकता चेहरा,
उस पर एक अदभुत हसीन
मुस्कान पहचान है हमारी,
अरे वो नादान क्या समझेगे जिन्हें पैरो में बिछने का शौक़ है ॥
By Arushi Sharma