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साया
By Mona Mamtani
वो जो रहे साथ हमारे
कभी आगे ,कभी पीछे तो कभी दाये-बाएं हमारे ,
कभी गुम होकर हमारे कदमों के नीचे से,
फिर आजाये साथ हमारे |
हो कैसा भी वक़्त ,या कोई भी वक़्त ,
ना छोड़े साथ ये हमारा,
कोई पूछ के तो देखे उससें
क्यों हो सदैव इर्द -गिर्द हमारे ?
मैं नहीं तो कौन होगा ,
ढूंढ के देख ज़रा ,
साया हूँ तेरा ,
सदैव दूंगा साथ तेरा।
तेरा मेरा बंधन भी,
हो इस साये की भाँती ,
कदम किसी भी पड़ाव मे हो,
सदैव रहेंगे साथ तेरे।
चन्ना मेरेया, हो तेरी चमक ,
पाओगे मुझको साये में अपने।
साये मे अपने।
By Mona Mamtani