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वक्त
By Vidhi Sharma
कभी सोचा है कि अगर तुम्हारे पास वक्त होगा
तो क्या होगा ??
क्या तब मेरा खुशनुमा जहां होगा
या तब भी वही सपनो का टूटा मकान होगा,
क्या तब हो सकेगी मुलाकात
या तब भी ऐसे ही रहेंगे हालात,
क्या तब तुम प्यार जताओगे
या तब भी ऐसे ही रुलाओगे ,
क्या तब होगी मेरी फिक्र
या तब भी होगा किसी और का जिक्र,
क्या तब हो जाओगे तुम मुझे हासिल
या तब भी नही मिल पाएगी मुझे मंजिल,
खैर,
मैं तो बैठी हूं सब छोड़ कर तुम्हारे वक्त के इंतजार में
डर है कही गुज़र न जाए जिंदगी यूं ही बेकार में,
हमारी जगह तुम होते तो इतना नही रुक पाते
ये तो पक्का है कि तुम शुरू में ही थक कर चले जाते,
अब जब रुकी हूं तो इसका अंजाम भी देखना पड़ेगा
हिस्से में जो भी आए खुशी या गम सब झेलना पड़ेगा,
अगर तुम मिल जाओ मुझे तो अच्छा होगा
नही मिले तो हाथ में यही कलम और वही पन्ना होगा ।
By Vidhi Sharma