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बचपन
By Kanchan Tanwar
बचपन आज फिर से बहुत याद आ रहा हैं जाने क्यों
वो ही मीठी मीठी सी यादेंं
वो ही सोंधी सोंधी सी खाने की खुश्बू
मन को महसूस सी हो रही हैं फिर से
एक लम्बी सी मुस्कान लिए में उन दिनों, उन ख़्वाब जैसे ख़्यालों में डूबी सी जा रही हूँ
जैसे मैं छोटी सी बैठी हूँ कोने में किसी रूठी रूठी सी
मिन्नतेंं कराते हुए थोड़े नखरे दिखाते हुए
झट से भाग जाती हूँ आँगन में फिर मस्त मगन होने को
आज दिल फिर उदास सा हैं, शायद गम हैं इसको बचपन खो देने का
थोड़ी ख़ुशी आँखों को बंद कर उन पलो को फिर से जी लेने की
बचपन...प्यारा....बचपन
अभी समझ आता हैं की इस जीवन यात्रा में बचपन सबसे
खास और अनमोल क्यों होता हैं
क्यों आपका जी हर एक बार बच्चा हो जाने को करता हैं
क्यूंकि वो बिना मोल का होता
मुस्कान ही फैला जाता हैं जिसे भी याद आ जाता हैं
आज फिर इक डुबकी बचपन की यादों में
By Kanchan Tanwar