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बचपन
Updated: Jun 10
By Shweta
बचपन की वो यादें,
कोई मुझे लौटा दे,
कहाँ गए वो अनमोल पल,
कोई मुझे बता दे,
नही थी कोई चिंता,
ना थी कोई फ़िक्र,
ख्वाबों के पंख लेकर,
उड़ते थे बेफिक्र होकर,
वो हँसी, वो खुशी,
कोई मुझे लौटा दे।
ना चाहिए मंहगे कपड़े,
ना चाहिए घर,
बस बचपन लौटा दे।
बचपन के वो अनमोल सपने,
सपने भी लगते थे अपने,
उन सपनो की दरिया में,
नाँव से कोई पहुँचा दे।
बचपन की उन यादों से,
कोई मुझे मिलवा दे।
By Shweta