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फूफा
By Santosh Kumar Koli
फूफा है,
सेवानिवृत्त जीजा |
एक्सपायर्ड,
पासपोर्ट वीज़ा |
प्रथम अजूबा,
पहुँचा पायदान तीज़ा |
फूफा बैठा गुफा,
तुरुप के पत्ते बुआ-भतीजा |
फूफा की शक्ति करे भक्ति,
बुआ शक्ति स्वरूपा |
ये,बेचारा फूफा |
आँख में आँसता,
टेव लगने लगी कुटेव |
जीजा फूफा की टेरट्री में,
टिके नहीं स्वयमेव |
फूटे भांड पर फूफा,
चिकनी मिट्टी का लेव |
फाइनल हारा हुआ जीजा,
थान छोड़ा हुआ देव |
रिश्ते की बिसात पर,
हार चुका यूपा |
ये,बेचारा फूफा |
भतीजे के ब्याह में,
लाल ज़ीन कसा तुरंग |
वीत राग गाता फिरता,
बजाता फूटा चंग |
अपना मोल तोलता,
बिना धड़ा पासंग |
सलहज भी मुँह मोड़ती,
दे आउट हाउस निहंग |
सर्दी मारा फूल,
कभी सगूफ़ा |
ये,बेचारा फूफा |
ये,बेचारा फूफा |
ठान खोदता था फूफा ,
खूब करता था खुरी |
कामकाज में आता दिखता,
जाने की न सुरसुरी |
वीटो पावर जीजा की जेब,
ससुराल की शक्ति धुरी |
न बनी न बनने की,
फूफा की जैसी बुरी |
कभी ससुराल का सारथी,
अब गाड़ी से जुदा यूपा |
ये,बेचारा फूफा |
गुस्सा है नाक पर,
गाली है कमान पर |
शरीर है ढलान पर,
शिकन ह शान पर |
वहम है अहम पर,
ध्यान है कान पर |
ज्ञान है ज़बान पर,
मिजाज़ है तान पर |
अहमेव से त्वमेव,
रूप से विरूपा |
ये,बेचारा फूफा |
ये,बेचारा फूफा |
By Santosh Kumar Koli