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पिता
By Shivi
जेब खाली होगी फिर भी हीरा लाकर देगा
भूखा चाहे कितना हो पर पहले औलाद का पेट भरेगा
जो कोई ना कर सका वो बाप कर देगा
अंधेरे की दुनिया में दीपक जला देगा
आंखों से आंसू गिरते ही उदास हो जाता है
बीमार हम होते हैं परेशान वो हो जाता है
हमारे लिए नींद चैन सब त्याग देता है
और हमारी ही मुस्कुराहट से वो भी खुश हो जाता है
बिन पतवार के नाव चला सकता है
सूरज की पहली किरण से लेकर अंधेरी रात तक जाग सकता है
अंगारों पर भी वो चल सकता है
वो पिता है हजूर कुछ भी कर सकता है
कभी कहता नहीं कितना प्यार करता है
कभी बताता नहीं कितना दुखी है
अपनी डांट से अक्सर प्यार जता देता है
क्या करें पिता है ना अपनी भावना आसानी से छुपा लेता है
हर ज़िद मेरी पूरी करता गया
मेरे लिए दुनिया से लड़ता गया
चांद तारे भी तोड़ कर ले आया
पर अफसोस है खुद के बारे मैं आज तक कभी ना सोच पाया
लोग तो ढूंढते हैं ईश्वर को मंदिर मस्जिद में
पर मेरा ईश्वर तो रहता है मेरे संग में
जो मेरे लिए दुनिया से लड़ गया मेरे लिए खुद को भूल गया
वो ईश्वर से कम नहीं और उसकी भक्ति किसी से कम नहीं
By Shivi