- hashtagkalakar
दहेज
Updated: Jan 12
By Priyanka J Pandya
सिंगार समज कर लाई थी,
वही सौदा और हिस्सा लगता है...
अगर घर जाती हूँ सालों बाद,
नपा तोला किस्सा लगता है...
बड़े लाड़ से पहनाती थी साँस मुझे,
आज मुझसे ज्यादा उनका रुतबा प्यारा लगता है...
कुछ मोहब्बत मायके की,
कुछ मोहब्बत ससुराल लाई थी...
प्रीत समेटकर प्रीत करने के लिए,
मैं झोले में मेरे दहेज लाई थी...
By Priyanka J Pandya