- hashtagkalakar
चाँद
By Abhishek Bagri
चाँद तु बेवजह मुस्कराता क्यों नहीं?
जो खो गया, उसे भुलाता क्यों नहीं?
कब तक रहेगा आसमान में अकेला
तेरा कोई नहीं? तु जमीं पर आता क्यों नहीं?
झूठ है दुनिया सब दिखावा है यहां,
फिर तु अपने दाग छुपाता क्यों नहीं?
चाँद तु बेवजह मुस्कराता क्यों नहीं?
By Abhishek Bagri