top of page
  • hashtagkalakar

गुरु

By Sanat Raj


बुद्धि से बल तक,

प्रश्न से हल तक,

विफल से सफल तक,

छल से निश्छल तक,

ये जो सफर है भूतकाल से इस पल तक,

गुरुओं के दिए गुणों पर नतमस्तक।


समुद्र से मरुस्थल तक,

चट्टान से बादल तक,

स्वर्ग से धरातल तक,

पाताल से प्रकृति के आंचल तक,

ये जो भूगोल है भूमि से थल तक,

गुरुओं को पूजती है सदियों से अब तक।





काटों से कमल तक,

कठोर से कोमल तक,

क्रोधित से शीतल तक,

व्याकुल से अटल तक,

ये जो परिवर्तन है पहल से अमल तक,

गुरुओं के महानता का प्रमाण है इस युग तक।


यूं ही नहीं गुरु ईश्वर का रूप कहलाते है,

उनके कर्म उनकी महानता बतलाते है,

ऋणी है ये धरा उनके उपकार की,

जिनकी वजह से हमने सारी अड़चने पार की,

गुरु शिष्य का ये रिश्ता यूं ही अमर रहे,

हर शिष्य पर सदा उसके गुरु का कर रहे।



By Sanat Raj







0 views0 comments

Recent Posts

See All

By Sonal Lodha मौक़ा मिला है आज तो करने दे मुझे शुक्रिया तेरा ! उगते सूरज से शुरू हो , हर रोज़ नयी एक ज़िंदगी मेरी बढ़ते हर कदम पर साँसो पर करे जो पैरवीं मेरी ढलती शाम फिर जब नये सवेरें नयी उम्मीद इंत

By Arlene Nayak I walk across the countryside Looking o’er the everlasting fields As the melodious tunes of a robin Hit my longing ears. The river flows ever serenely Through the undergrowth The gay f

By Arlene Nayak The ocean breeze blows through my hair The sand stretches for miles before meeting the cool water. The waves crash against the shore The sun sets, painting the sky a beautiful orange a

bottom of page