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गंगा
By Kumud Limbaji Kadam
पतझड में भी सावन बन के
जीवों के लिए जीवन बन के
गंगे बहती हो तुम अमृत लेके
तेरी गोदी में पलते है फूलते है
प्राण प्राण-माञावोंके
खुशहाली भुमंडल पर तेरी पाञों से
खिल-खिलाती भु-कालादिराञों से
गंगा मैय्या कि जय हो कहो सभी जन ठण ठण के
नमामी गंगे नमामी गंगे नमामी गंगे नमामी गंगे
नमामी गंगे नमामी गंगे नमामी गंगे नमामी गंगे
गंगे गंगे बहती हो अमृत लेके
हम पावन है तुम से मिल के
भुमिपुञ है सौभाग्य है हमारे
गंगे तेरी कृपाछाया में जन के
गंगा मैय्या कि जय हो कहो सभी जन ठण ठण के
नमामी गंगे नमामी गंगे नमामी गंगे नमामी गंगे
नमामी गंगे नमामी गंगे नमामी गंगे नमामी गंगे
By Kumud Limbaji Kadam